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अन्ना का बल राजनीतिक दल

देश की उन्नति
देश की उन्नति
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सभी राजनीतिक दल अपने- अपने स्वार्थ पूर्ती के लिए अपनी पार्टी का निर्माण करते हैं. भारत देश में अनेकों राजनीतिक दल हैं और कोई पार्टी अपने बारे में गलत और बेकार की बयानबाजी नही करती है. सभी पार्टी अपने आप को देश की अच्छी भविष्य का निर्माण करने के लिए और देश हित के लिए आगे लाये हैं.अगर राजनीतिक दल बनाने से हमारे देश का भविष्य निर्माण हो सकता तो आज हमारे देश में फैला भ्रस्टाचार और काले धन का मुद्दा होता ही नही. कोई गारंटी नही है की अन्ना जी की पार्टी हमारे देश में फैले भ्रस्टाचार को मिटा सकती है. सिर्फ अन्ना जी के एक अच्छे और इमानदार होने से हमरे देश की वयवस्था और व्याप्त भ्रस्टाचार समाप्त नही हो सकता.जितने भारतीय अन्ना जी के समर्थक हैं उन्हें चाहिए की वो अपने आप को भ्रस्टाचार से अलग रखे और अपने परिवार और सगे संबधियो को जागरूक करें .भ्रस्टाचार अपने आप समाप्त हो जायेगा. राजनीतिक दल का मुद्दा एक कोई अच्छी सोच नही मानी जा सकती. क्योकि पार्टी कोई भी हो उसका मुखिया साफ सुथरा और बेदाग छवि के रहे है फिर भी उन्ही की पार्टी के सद्श्य और नेता लालची और स्वार्थी हो जाते है . इस से निष्कर्ष नहीं निकलता की हमारे देश की दशा में कोई सुधार आ सकता है. वैसे भी इस लोकतान्त्रिक देश में कोई भी अपने विचार को और मत को प्रकट कर सकता है. देश में सिर्फ भ्रस्टाचार व काले धन का ही मुद्दा नही है . हमारे देश में अनेको समस्याएं है जो की मात्र जन लोकपाल से ही नही बदला जा सकता है.टीम अन्ना के जितने सदस्य हैं सभी अन्ना जैसे ही नही हैं. कई एसे सद्श्य है जो अपने कर्तव्यो का निर्वहन नही कर रहे हैं वे देश की स्थिति को कैसे बदल सकते हैं. भारत देश की जनता एक स्वच्छ और बेदाग सर्कार चाहती है. जब अन्ना टीम अपनी पार्टी बना लेगी तो क्या सभी लोग उन्ही की तरह अपने देश को अपना बलिदान व कर्तव्य को पूरा करेंगे. इन सभी बात से कई सवाल उठते हैं जिनका जवाब मुस्किल से मिल सकता है. एक अरब बीस करोड़ की जनसँख्या क्या चाहती है इसका जवाब लेना भी मुस्किल है . क्योकि हर जगह का अपना अलग अलग संशय है. जितने लोग अन्ना आन्दोलन से जुड़े है वे सभी चाहेंगे की हम संसद और विधान सभा में जाये और हमारे देश में एसी कोई निति या कानून नही है जो सभी व्यक्तियों को नेता बना सके. आगे जब अन्ना जी अपने पार्टी के उम्मीदवारों का चुनाव करेंगे उनमे बहुत से उन्ही के समर्थक उनकी पसंद को मानेंगे . क्या उनके सहयोगी अपने परिवार वाद में नही फसेंगे ?. क्या उनके साथी उन्ही की तरह भारत देश के लिए अच्छी सोच रख सकेंगे ?. कोई गारंटी नही की अन्ना के पार्टी के सभी सदश्य उन्ही की तरह कम करेंगे. अगर देश में बदलाव लाना है तो हमें अपने देश की गंदगी को साफ करना होगा . जो मंत्री व नेता बनते हैं उनका सचिव एक आई .ए . एस होता जो इतना मेहनत करके उस पद को प्राप्त करता है पर हमारे देश के कई एसे नेता है जो शिक्षित ही नही है पर फिर भी वह आई .ए . एस उनके हिसाब से ही कम करता है. अर्थात जो देश के लिए योग्य है और देश को अच्छी दिशा दे सकता है वह उन नेताओ के इशारे पर चलता है तो इस से हमरे देश में सुधार हो सकता है क्या ?. जो देश की दशा को दिशा दे सकता है वह अशिक्षित नेताओ का नौकर बना रहता है इस से हमारे देश का कल्याण नही हो सकता. अगर अन्ना जी अपनी पार्टी बना रहे है और वे समझते है की उनकी ये सोच देश को बदल सकती है तो हमें उन्ही सत्ता में लाना चाहिए और एक बार जरूर परखना चाहिए. ये विचार और मत हमारे देश की जनता दे सकती है जनता का जनता द्वारा जनता के लिए शासन ही हमर मुख्य उद्देश्य होना चाहिए.

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